

monsun me savasthay ka dhayan kaise rakhe
मानसून में स्वास्थ्य का ध्यान कैसे रखें
मानसून ऋतु का आगमन जहां एक ओर राहत और हरियाली लेकर आता है, वहीं दूसरी ओर यह कई प्रकार की बीमारियों और संक्रमणों को भी आमंत्रण देता है। इस मौसम में हवा में नमी बढ़ जाती है, जिससे वायरस, बैक्टीरिया और फंगस तेजी से फैलते हैं। ऐसे में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाए रखना और कुछ जरूरी सावधानियों को अपनाना बेहद आवश्यक होता है। आइए विस्तार से जानते हैं कि मानसून में स्वास्थ्य का ध्यान कैसे रखें।
1. मानसून और स्वास्थ्य: एक परिचय
मानसून का मौसम आमतौर पर जून से सितंबर तक होता है। यह मौसम तापमान में गिरावट, अधिक नमी और बार-बार की बारिश के कारण शरीर पर खासा असर डालता है। इस समय सबसे अधिक जो बीमारियाँ देखने को मिलती हैं, उनमें सर्दी-खांसी, वायरल फीवर, मलेरिया, डेंगू, टाइफाइड, फंगल इन्फेक्शन, पेट से जुड़ी समस्याएं जैसे डायरिया, फूड पॉइज़निंग आदि शामिल हैं।
इसलिए, मानसून में स्वास्थ्य का ध्यान रखना अत्यंत जरूरी हो जाता है।
2. खान-पान में बदलाव करें
(क) ताजा और पका हुआ भोजन करें
बारिश के मौसम में बासी खाना खाने से बचें क्योंकि नमी के कारण खाना जल्दी खराब हो जाता है और इससे फूड पॉइज़निंग या पेट दर्द हो सकता है।
(ख) हरी पत्तेदार सब्जियों से बचें
इस मौसम में हरी पत्तेदार सब्जियों जैसे पालक, मेथी आदि में कीड़े और कीटाणु होने की संभावना रहती है। यदि खाएं तो अच्छी तरह धोकर और पकाकर ही खाएं।
(ग) उबला पानी पिएं
मानसून में पानी जनित रोग तेजी से फैलते हैं। इसलिए केवल उबला या फिल्टर किया हुआ पानी ही पिएं। बाहर का पानी न पिएं।
(घ) हल्का और सुपाच्य भोजन लें
भारी, तेलीय और मसालेदार भोजन पाचन तंत्र पर बोझ डालता है। मानसून में हल्का, सुपाच्य और पौष्टिक भोजन लेना अधिक फायदेमंद रहता है।
(ङ) मौसमी फल खाएं
सेब, नाशपाती, अमरूद, अनार आदि जैसे मौसमी फल प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक होते हैं। फलों को अच्छे से धोकर ही खाएं।
3. शरीर की सफाई और व्यक्तिगत स्वच्छता
(क) नहाना न छोड़ें
मानसून में भी नियमित रूप से स्नान करें। बारिश में भीगने के बाद तुरंत नहाएं ताकि त्वचा पर जमे कीटाणु हट जाएं।
(ख) हाथ धोना बेहद जरूरी
खाना खाने से पहले और बाद में हाथ धोने की आदत डालें। बाहर से घर आने के बाद भी हाथ जरूर धोएं।
(ग) पैरों की देखभाल करें
बारिश के पानी में भीगने से पैरों में फंगल इन्फेक्शन हो सकता है। गीले जूते और मोजों को जल्दी बदलें और पैरों को सूखा और साफ रखें।
(घ) साफ-सुथरे कपड़े पहनें
कपड़े पूरी तरह सूखे हों और हर दिन बदले जाएं। नमी युक्त कपड़े त्वचा में संक्रमण फैला सकते हैं।
4. मानसून में होने वाली बीमारियों से कैसे बचें
(क) डेंगू और मलेरिया से बचाव
-
पानी को कहीं इकट्ठा न होने दें।
-
हर तीन दिन में कूलर और गमलों का पानी बदलें।
-
पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें।
-
मच्छरदानी और मच्छर भगाने वाले स्प्रे का प्रयोग करें।
(ख) वायरल फीवर और सर्दी-खांसी से बचाव
-
ठंडी और बासी चीजों से बचें।
-
गुनगुना पानी पिएं।
-
गर्म सूप, काढ़ा आदि का सेवन करें।
(ग) त्वचा रोग और फंगल संक्रमण से बचाव
-
शरीर को सूखा रखें।
-
टाइट कपड़े पहनने से बचें।
-
एंटी-फंगल पाउडर का इस्तेमाल करें।
(घ) पेट की बीमारियों से कैसे बचें
-
बाहर का खाना बिल्कुल न खाएं।
-
सड़क किनारे कटे फल और चाट जैसी चीजों से दूरी बनाएं।
-
घर का बना ताजा और हल्का भोजन करें।
5. मानसून में रोग प्रतिरोधक क्षमता कैसे बढ़ाएं
(क) हर्बल चाय और काढ़ा
तुलसी, अदरक, काली मिर्च, दालचीनी, हल्दी आदि से बना काढ़ा प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है।
(ख) विटामिन C युक्त खाद्य पदार्थ
नींबू, आंवला, संतरा आदि विटामिन C के अच्छे स्रोत हैं, जो शरीर को संक्रमण से बचाते हैं।
(ग) पर्याप्त नींद लें
7-8 घंटे की नींद शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखने में अहम होती है।
(घ) योग और व्यायाम करें
हर दिन हल्का योग, प्राणायाम और वॉक शरीर को एक्टिव और फिट बनाए रखता है।
6. मानसून में मानसिक स्वास्थ्य का भी रखें ध्यान
बारिश के कारण कई बार धूप नहीं निकलती, जिससे मूड में चिड़चिड़ापन और सुस्ती महसूस हो सकती है।
(क) घर में हल्की रोशनी और वेंटिलेशन बनाए रखें
कमरे में प्राकृतिक रोशनी आने दें। खुली हवा और रोशनी मन और मस्तिष्क को शांत रखती है।
(ख) रचनात्मक कार्यों में लगे रहें
पढ़ना, लिखना, चित्रकारी, संगीत सुनना आदि गतिविधियां मानसिक संतुलन बनाए रखती हैं।
(ग) मेडिटेशन और प्राणायाम करें
हर दिन 10-15 मिनट ध्यान और प्राणायाम करने से तनाव दूर होता है।
7. बच्चों और बुजुर्गों का रखें विशेष ध्यान
(क) बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, इसलिए उन्हें बाहर की चीजें खाने से रोकें और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।
(ख) बुजुर्गों को इस मौसम में जोड़ों का दर्द, सर्दी-खांसी, अस्थमा जैसी परेशानियाँ हो सकती हैं इसलिए उन्हें गर्म कपड़े पहनाएं और मौसम के अनुसार डाइट दें।
8. मानसून में यात्रा करते समय सावधानियाँ
-
हमेशा छाता या रेनकोट साथ रखें।
-
बंद जूते पहनने से पैरों में फंगल संक्रमण हो सकता है, इसलिए खुले लेकिन सुरक्षित जूते पहनें।
-
बारिश में भीगने के बाद जल्द से जल्द सूखे कपड़े पहनें।
9. मानसून में घर की देखभाल भी जरूरी
(क) घर को साफ-सुथरा रखें
नमी से फंगल संक्रमण बढ़ता है। घर को रोज़ाना झाड़ू-पोंछा करें।
(ख) रसोई और बाथरूम की सफाई करें
यह दो जगहें सबसे जल्दी गंदी होती हैं और बीमारियों का केंद्र बनती हैं। इन्हें हमेशा सूखा और स्वच्छ रखें।
(ग) मच्छरों से बचाव करें
घर में मच्छरदानी, मच्छर भगाने वाले कॉइल या स्प्रे का प्रयोग करें।
10. कुछ देसी उपाय जो मानसून में करें मदद
(क) हल्दी वाला दूध
रोज रात को एक गिलास गर्म हल्दी वाला दूध पीने से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है।
(ख) तुलसी और अदरक की चाय
यह न सिर्फ गले के संक्रमण से बचाती है बल्कि शरीर को अंदर से गर्म भी रखती है।
(ग) अजवाइन और नमक से गरारे
गले में खराश या हल्की सर्दी-खांसी होने पर यह बहुत फायदेमंद होता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
मानसून का मौसम जितना रोमांचक और सुंदर होता है, उतना ही यह हमारे स्वास्थ्य के लिए चुनौतीपूर्ण भी हो सकता है। लेकिन यदि हम थोड़ी सी सतर्कता बरतें, खानपान में संतुलन रखें, साफ-सफाई का ध्यान दें और अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाएं तो इस मौसम का भरपूर आनंद उठा सकते हैं।
स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर आप मानसून में भी रोगमुक्त और ऊर्जा से भरपूर रह सकते हैं। याद रखें — बचाव ही सबसे अच्छा इलाज है।